BRAJESH KUMAR SINGH
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नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने टीवी जगत के वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश कुमार सिंह को न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीएसए) का सम्मानित सदस्य नियुक्त किया है. न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी, न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन द्वारा स्थापित एक स्वतंत्र निकाय है. ब्रॉडकास्ट के बारे में शिकायतों पर विचार करना और निर्णय लेना इसका प्रमुख कार्य है. किसी भी समाचार चैनल के प्रसारण के ख़िलाफ़ कोई भी शिकायत हो तो उसे एनबीएसए के समक्ष रखा जा सक्ता है. वर्तमान में एनबीएसए के चेयरपर्सन रिटायर्ड जस्टिस ए.के. सीकरी है.

ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में 25 साल का अनुभव रखने वाले ब्रजेश कुमार एबीपी न्यूज से पहले ‘जी न्यूज’, ‘आजतक’ और ‘अमर उजाला’ में काम कर चुके हैं, ब्रजेश कुमार सिंह नेटवर्क18 समूह में बतौर ग्रुप कंसल्टिंग एडिटर है, इससे पहले ब्रजेश कुमार को ‘जी मीडिया’ (ZMCL) में अब ग्रुप एडिटर (पॉलिटिकल अफेयर्स एंड स्पेशल प्रोजेक्ट) के पद पर कार्यरत थे। उनका कार्य अब तमाम चैनलों के इंटीग्रेशन और कनवर्जेंस पर भी फोकस करना था, गौरतलब है कि ब्रजेश कुमार सिंह जून, 2017 में ‘जी समूह’  के साथ जुड़े थे। तब वे जी समूह के न्यूज चैनल ‘जी हिन्दुस्तान’ के मैनेजिंग एडिटर के तौर पर आए थे।

वे यहां गुजराती न्यूज चैनल ‘एबीपी अस्मिता’ (ABP Asmita) के एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद से इस्तीफा देकर पहुंचे थे। बता दें कि जी समूह के साथ वे तीन पारियां खेल चुके हैं.

देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान ‘आईआईएमसी’ के 1996 बैच के पूर्व छात्र रहे सिंह ने पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत सितंबर, 1996 में हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ से की, जहां एक साल से भी ज्यादा समय तक रिपोर्टर/सब एडिटर के रूप में अपना योगदान दिया। दिसंबर, 1997 में उन्होंने ‘अमर उजाला’ को अलविदा कह दिया और कुछ दिन बाद यानी जनवरी, 1998 में वे ‘जी न्यूज’ आ गए। 1999 में जब ‘जी न्यूज’ का अहमदाबाद ब्यूरो स्थापित हुआ, तब उन्होंने यहां अहम भूमिका निभाई, लेकिन कुछ ही समय बाद जी का रीजनल न्यूज चैनल ‘जी गुजराती’ शुरू हुआ, और वे इसके साथ जुड़ गए और तीन साल से भी अधिक समय तक यहां काम किया। इस दौरान उन्होंने जनवरी, 2001 में आया कच्छ भूकंप, 1999 के लोक सभा चुनाव और गुजरात सूखे समेत कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया। 

सिंह इसके बाद, जून 2001 में हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ के साथ बतौर कॉरेस्पोंडेंट जुड़ गए, लेकिन वे यहां सिर्फ 7 महीने ही रहे और दिसंबर, 2001 में वे फिर ‘जी न्यूज’ लौट आए। इस बार इन्हें चैनल में प्रिंसिपल कॉरेस्पोंडेंट की जिम्मेदारी दी गई और लगभग एक साल तक काम करते रहें और इसके बाद वे ‘एबीपी’ चले गए थे। उन्होंने अहमदाबाद के डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी से पीएचडी (मास कम्युनिकेशन) की है।

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