Prabir Purakasthaya
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नई दिल्लीः न्यूज़क्लिक प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी अपडेट सामने आ रही है। उच्चतम न्यायालय ने संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है। बुधवार यानी 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने न्यूज़क्लिक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी ओर रिमांड अवैध है। क्योंकि रिमांड से पहले उन्हें या उनके वकील को गिरफ्तारी की वजह नहीं बताई गई थी।

एचआर हेड बना सरकारी गवाह

इससे पहले 7 मई को न्यूज़क्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को दिल्ली उच्च न्यायालय ने रिहा कर दिया था। चक्रवर्ती को जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने रिहाई का ऑर्डर दिया था। गौरतलब है कि, पिछले साल 3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को चीनी फंडिंग के आरोप में अरेस्ट किया था। हालांकि बाद में अमित चक्रवर्ती ने सरकारी गवाह बनने की याचिका को स्वीकार कर लिया था। बता दें कि इस मामले में जांच एजेंसी ने एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की थी।

जानें पूरा मामला

बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर अमित चक्रवर्ती को देश की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष का भाव पैदा करने के लिए चीन से फंड लेने के आरोप में पिछले साल 3 अक्टूबर को अरेस्ट किया था और नवंबर के महीने में हिरासत में भेज दिया गया था। वहीं चक्रवर्ती जनवरी में मामले में सरकारी गवाह बन गए और दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें 6 मई को रिहा कर दिया। एफआईआर के अनुसार न्यूज साइट चलाने के लिए बड़ी मात्रा में फंड चीन से आता था। पुलिस ने दावा करते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया में दखल करने के लिए पुरकायस्थ ने पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म के साथ में मिलकर साजिश गढ़ी थी।

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