वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश सिंह का मनोज सिन्हा के साथ विशेष साक्षात्कार: जम्मू-कश्मीर में शांति की नई सुबह

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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश सिंह के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की। 7 अगस्त 2020 को उपराज्यपाल का पद संभालने वाले सिन्हा ने साढ़े चार साल में जम्मू-कश्मीर को शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। इस साक्षात्कार में उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा से लेकर क्षेत्र के बदलते परिदृश्य तक कई मुद्दों पर प्रकाश डाला।

जम्मू-कश्मीर में उपलब्धियाँ

सिन्हा ने अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी सफलता भारत सरकार की प्राधिकार को जम्मू-कश्मीर में स्थापित करना बताया। आर्टिकल 370 के हटने के बाद राज्य को मुख्यधारा में लाने और आतंकवाद को कुचलने में उल्लेखनीय प्रगति हुई। मुख्य बिंदु:

  • शांति: लोकसभा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण रहे, 35 साल में सबसे अधिक मतदान हुआ। पत्थरबाजी और हड़तालें इतिहास बन गईं।
  • आतंकवाद पर नियंत्रण: स्थानीय भर्ती न्यूनतम स्तर पर, बड़े कमांडर खत्म, नागरिक हत्याएँ घटीं।
  • आर्थिक उन्नति: साढ़े चार साल में अर्थव्यवस्था ढाई गुना बढ़ी, लोगों की आय दोगुनी हुई।
  • बुनियादी ढांचा: सड़क, रेल और हवाई संपर्क बेहतर। श्रीनगर-कन्याकुमारी रेल कनेक्टिविटी जल्द शुरू होगी।
  • पर्यटन: 2023 में 2.36 करोड़ पर्यटक आए, जिसमें 65,000 विदेशी शामिल।

चुनौतियाँ और भविष्य

सिन्हा ने माना कि जम्मू में हाल में घुसपैठ बढ़ी है, लेकिन सुरक्षा बलों का समन्वय इसे नियंत्रित करेगा। उन्होंने कहा, “जम्मू की जनता आतंकवाद के खिलाफ है, जो इसे जल्द खत्म करने में सहायक होगी।” पीओके पर उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का निर्णय है, लेकिन वहाँ की जनता भारत के विकास को देख रही है।

राजनीतिक यात्रा

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से ताल्लुक रखने वाले सिन्हा ने बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 1982 में छात्रसंघ अध्यक्ष बने। 1991 में गाजीपुर से पहली बार सांसद बने और 2014-19 तक मोदी सरकार में रेल व संचार राज्य मंत्री रहे। 2019 में चुनाव हारने के बाद उन्हें जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी मिली, जिसे वे “डेस्टिनी” मानते हैं।

व्यक्तिगत अनुभव

सिन्हा ने सड़क मार्ग से यात्रा कर लोगों से जुड़ाव बनाया। सुरक्षा को लेकर कोई भय नहीं था, क्योंकि “बेगुनाह को छेड़ो मत, गुनहगार को छोड़ो मत” का भरोसा कायम हुआ। अमरनाथ और वैष्णो देवी जैसे धार्मिक स्थलों की व्यवस्था भी सुधरी।

भविष्य की उम्मीदें

चुनी हुई सरकार के साथ तालमेल पर सिन्हा आशावादी हैं। उन्होंने कहा, “शांति और विकास सबका लक्ष्य है, तो टकराव नहीं होगा।” पूर्ण राज्य का दर्जा उचित समय पर मिलेगा, जैसा संसद में कहा गया। सिन्हा ने कहा, “जम्मू-कश्मीर अब आगे बढ़ चुका है। केंद्र की इच्छाशक्ति और जनता का साथ इसे नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।” यह साक्षात्कार उनके समर्पण का प्रमाण है।

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