Basant Panchami 2025 : बसंत पंचमी का त्योहार मां सरस्वती की पूजा में विशेष महत्व रखता है। इस पावन दिन पर लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और पीले रंग के स्वादिष्ट व्यंजन अर्पित करते हैं। यह दिन वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करने के लिए मनाया जाता है, जो ठंडी सर्दियों के बाद की कोमल हॉट और फूलों से सजी प्रकृति का प्रतीक है। इस अवसर पर पंजाब, बंगाल और गुजरात में अलग-अलग प्रकार के स्वादिष्ट पीले व्यंजन तैयार किए जाते हैं, जो मां सरस्वती को भोग स्वरूप अर्पित किए जाते हैं। मां सरस्वती की पूजा के दौरान इन व्यंजनों का भोग लगाने से इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है, और हर तरफ उल्लास और भक्ति का माहौल छा जाता है।
Basant Panchami 2025
बसंत पंचमी कब है? इस साल बसंत पंचमी की तारीख को लेकर थोड़ी असमंजस है। पंचमी तिथि इस बार 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 3 फरवरी को 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी। भारत के अलग अलग हिस्सों में कुछ लोग 2 फरवरी को, तो कुछ लोग 3 फरवरी को बसंत पंचमी मनाएंगे। इस विशेष दिन को मां सरस्वती को समर्पित किया जाता है। बसंत पंचमी का पर्व हर साल वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करने और ज्ञान, कला व संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना करने के लिए मनाया जाता है।
मां सरस्वती की पूजा में शामिल करें ये चीजें
- पीले रंग के पुष्प- बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले पुष्प अर्पित करना शुभ होता है। इससे वह प्रसन्न होती हैं और ज्ञान का वरदान देती हैं। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना भी उत्तम माना जाता है।
- पेन, कॉपी, किताब- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा में पेन, कॉपी, किताब आदि को शामिल करना चाहिए। कहते हैं कि इससे ज्ञान और बुद्धि के वरदान की प्राप्ति होती है।
- पीले रंग की मिठाई का भोग- मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से करने के बाद उन्हें पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए। ऐसे में मां सरस्वती को बेसन का लड्डू या बूंदी अर्पित की जा सकती है। मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए खीर या मालपुए का भोग लगाया जा सकता है।
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बंगाली पायेश
बसंत पंचमी के इस पावन अवसर पर बंगाल में विशेष रूप से पायेश (चावल की खीर) बनायी जाती है। दूध को उबालकर उसमें चावल, गुड़, इलायची पाउडर और काजू मिलाकर यह स्वादिष्ट पायेश तैयार होता है, जिसे खाने वाले बड़े ही आनंदित हो जाते हैं।
पंजाबी मीठा चावल
पंजाब में बसंत पंचमी पर मीठा चावल बनाने की परंपरा है। इसमें चावल, दूध, घी, काजू, बादाम और चीनी मिलाकर एक लजीज मीठा व्यंजन तैयार किया जाता है। यह चावल खासकर बच्चों और बड़ों द्वारा बड़े शौक से खाए जाते हैं, और इसका स्वाद दिल को छू लेता है।
गुजराती ढोकला
गुजरात में बसंत पंचमी के दिन मूंग दाल ढोकला बनता है। मूंग दाल को पीसकर मसाले और दही के साथ मिला हुआ कर भाप में पकाया जाता है। फिर इस पर तड़का डालकर गरमागरम ढोकला परोसा जाता है। इसके साथ ही गुजरात में खांडवी और कद्दू का हलवा भी बनाए जाते हैं, जो इस त्योहार की मिठास को और भी बढ़ा देते हैं।
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