पीएम ने जो दूसरों के लिए भाषा रची वो अब उसी भाषा मे रचे जा रहे-रवीश कुमार
Spread the loveरवीश कुमार एक अख़बार की भाषा का पतन देखिए। आज यहाँ काम करने वालों ने जनसत्ता को कूड़े में बदल दिया है। हम सभी प्रधानमंत्री की आलोचना करते हैं, व्यंग्य भी करते हैं तब भी भाषा का ध्यान रखते हैं। ट्विटर पर चल रही चीजों को रिपोर्ट किया जाना चाहिए लेकिन वहाँ इस्तमाल … Read more