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आज आई टीआरपी में रिपब्लिक भारत लगातार छठे हफ्ते नंबर 1 और आजतक नंबर 2 पर है, हालांकि दोनों ने पिछले हफ्ते की तुलना में अंक गंवाएं हैं, लेकिन रिपब्लिक कम गिरा है, जबकि आजतक ज्यादा और इस तरह रिपब्लिक ने अब आजतक पर अपनी बढ़त 6.4 बढ़ा ली है। इस बार की टीआरपी में टीवी 9 भारतवर्ष ने इंडिया टीवी को पीछे छोड़कर नंबर 3 पर वापसी की है, इसने 0.9 अंकों का सुधार किया है। इस हफ्ते इंडिया टीवी नंबर 4 पर है। बाकी चैनल कमोबेश पिछले हफ्तों की तरह ही हैं, नंबर 5 पर न्यूज़ 18 इंडिया जमा हुआ है। इस बार भी डबल फिगर में सिर्फ ऊपर के 4 चैनल ही हैं और इस बार भी ज़ी न्यूज़ और एबीपी न्यूज़ जैसे चैनल टॉप 5 से बाहर ही हैं। पिछले हफ्ते कुछ मित्रों ने कहा था कि बाकी चैनलों के बारे में भी बता देते, तो नंबर 6 पर ज़ी न्यूज़, 7 पर एबीपी, 8वें पर न्यूज़ नेशन, 9वें पर न्यूज़ 24 और नंबर 10 पर तेज़ है। देश में वैसे तो और भी नेशनल न्यूज़ चैनल हैं, मसलन एनडीटीवी इंडिया, इंडिया न्यूज़, ज़ी हिंदुस्तान और इन दिनों चर्चित सुदर्शन, लेकिन टीआरपी के मामले में ये टॉप 10 में नहीं हैं, इसकी वजह है टॉप 3 चैनलों पर उमड़ते दर्शक।

48 फीसदी टीवी न्यूज़ दर्शक सिर्फ ऊपर के 3 चैनलों को देखते हैं और शेष 52 फीसदी में बाकी तमाम चैनल अपने-अपने हिस्से के लिए मारामारी कर रहे हैं। वैसे बाकी चैनलों के लिए इस हफ्ते एक राहत के संकेत भी हैं और वो ये कि 12 में से 7 चैनल पिछले हफ्ते की तुलना में इस बार अंक सुधार में ऊपर चढ़े हैं यानी दर्शकों की दिलचस्पी थोड़ी सी बंटी है। टीआरपी वाले हफ्ते में चैनल कवरेज़ को देखें तो इस बार बॉलीवुड मसाला के साथ-साथ बाकी ख़बरों को भी कुछ चैनलों ने तवज्जो दी है, जो इसका संकेत है कि एक-दो हफ्ते में हिस्टीरिया का दौर खत्म होकर सामान्य स्थिति की बहाली हो सकती है। बॉलीवुड मसाला का जहां तक हाल है, हर दिन नया माल निकालने के चक्कर में बहुत कुछ घिसा-पिटा लगने लगा है। सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ देने की मुहिम में हत्यारे को पकड़ने की बात अब कम हो रही है, गंजेड़ी-नशेड़ी हीरोइनों में कौन पकड़ी जा रही है और कौन पकड़ी जाने वाली है, इसी नशे को दर्शकों को सूंघाया जा रहा है और दर्शक गांजा, कोकीन, हशीश, हेरोइन की इस डोज़ में सेक्स, ग्लैमर, मीटू-सीटू का कॉकटेल बनाकर मदमस्त हो रहे हैं। उड़ता बॉलीवुड की इस नशीली मस्ती में अर्थव्यवस्था, किसान, कोरोना सब उड़ता जा रहा है और देश का माहौल कुछ ऐसा बना हुआ है, जैसे कोरोनाबंदी में दारुबंदी टूटने का ऐलान होते ही जैसे दारुबाज़ों की टोली उमड़ा करती थी, वैसे ही उत्साह के साथ बॉलीवुडिया पुड़िया के लिए उमड़े हुए हों।

टीआरपी भी एक नशा ही है मीडिया के लिए, खबरें सूंघनी पड़ती है, कितना दम है इसका अंदाज़ा लगाना पड़ता है। न्यू इंडिया फिट इंडिया का कैंपेन शुरू हुआ है और हमारे मीडिया बंधुओं ने इस वीडियो के जरिये फिटनेस टेस्ट का उदाहरण पेश कर दिया। एक दौर था, जब मीडियाकर्मी कवरेज के दौरान एक-दूसरे की मदद करते थे, अगर दूसरा पीछे रह गया तो पहला अपने साथ-साथ उसकी माइक भी आगे रख देता था। अब ये नया दौर है, जहां दिमाग, जुबान चलाने के साथ-साथ लप्पड़-थप्पड़ भी चल रहे हैं। ये असर है तनाव का, दबाव का, जिसमें अपनी निजी ज़िंदगी भूलकर दिन-रात जूझते हैं मीडियाकर्मी। मजाक अपनी जगह है, लेकिन मेरा अनुमान है कि इस फील्ड के करीब 60 फीसदी लोग अब 60 साल की उम्र तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसलिए आग्रह है कि अपना ख्याल रखें। आपका दिन शुभ हो।

वरिष्ठ पत्रकार परमेन्द्र मोहन जी की फेसबुक वाल से

आज आई टीआरपी में रिपब्लिक भारत लगातार छठे हफ्ते नंबर 1 और आजतक नंबर 2 पर है, हालांकि दोनों ने पिछले हफ्ते की तुलना में अंक गंवाएं हैं, लेकिन रिपब्लिक कम गिरा है, जबकि आजतक ज्यादा और इस तरह रिपब्लिक ने अब आजतक पर अपनी बढ़त 6.4 बढ़ा ली है। इस बार की टीआरपी में टीवी 9 भारतवर्ष ने इंडिया टीवी को पीछे छोड़कर नंबर 3 पर वापसी की है, इसने 0.9 अंकों का सुधार किया है। इस हफ्ते इंडिया टीवी नंबर 4 पर है। बाकी चैनल कमोबेश पिछले हफ्तों की तरह ही हैं, नंबर 5 पर न्यूज़ 18 इंडिया जमा हुआ है। इस बार भी डबल फिगर में सिर्फ ऊपर के 4 चैनल ही हैं और इस बार भी ज़ी न्यूज़ और एबीपी न्यूज़ जैसे चैनल टॉप 5 से बाहर ही हैं। पिछले हफ्ते कुछ मित्रों ने कहा था कि बाकी चैनलों के बारे में भी बता देते, तो नंबर 6 पर ज़ी न्यूज़, 7 पर एबीपी, 8वें पर न्यूज़ नेशन, 9वें पर न्यूज़ 24 और नंबर 10 पर तेज़ है। देश में वैसे तो और भी नेशनल न्यूज़ चैनल हैं, मसलन एनडीटीवी इंडिया, इंडिया न्यूज़, ज़ी हिंदुस्तान और इन दिनों चर्चित सुदर्शन, लेकिन टीआरपी के मामले में ये टॉप 10 में नहीं हैं, इसकी वजह है टॉप 3 चैनलों पर उमड़ते दर्शक। 48 फीसदी टीवी न्यूज़ दर्शक सिर्फ ऊपर के 3 चैनलों को देखते हैं और शेष 52 फीसदी में बाकी तमाम चैनल अपने-अपने हिस्से के लिए मारामारी कर रहे हैं। वैसे बाकी चैनलों के लिए इस हफ्ते एक राहत के संकेत भी हैं और वो ये कि 12 में से 7 चैनल पिछले हफ्ते की तुलना में इस बार अंक सुधार में ऊपर चढ़े हैं यानी दर्शकों की दिलचस्पी थोड़ी सी बंटी है। टीआरपी वाले हफ्ते में चैनल कवरेज़ को देखें तो इस बार बॉलीवुड मसाला के साथ-साथ बाकी ख़बरों को भी कुछ चैनलों ने तवज्जो दी है, जो इसका संकेत है कि एक-दो हफ्ते में हिस्टीरिया का दौर खत्म होकर सामान्य स्थिति की बहाली हो सकती है। बॉलीवुड मसाला का जहां तक हाल है, हर दिन नया माल निकालने के चक्कर में बहुत कुछ घिसा-पिटा लगने लगा है। सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ देने की मुहिम में हत्यारे को पकड़ने की बात अब कम हो रही है, गंजेड़ी-नशेड़ी हीरोइनों में कौन पकड़ी जा रही है और कौन पकड़ी जाने वाली है, इसी नशे को दर्शकों को सूंघाया जा रहा है और दर्शक गांजा, कोकीन, हशीश, हेरोइन की इस डोज़ में सेक्स, ग्लैमर, मीटू-सीटू का कॉकटेल बनाकर मदमस्त हो रहे हैं। उड़ता बॉलीवुड की इस नशीली मस्ती में अर्थव्यवस्था, किसान, कोरोना सब उड़ता जा रहा है और देश का माहौल कुछ ऐसा बना हुआ है, जैसे कोरोनाबंदी में दारुबंदी टूटने का ऐलान होते ही जैसे दारुबाज़ों की टोली उमड़ा करती थी, वैसे ही उत्साह के साथ बॉलीवुडिया पुड़िया के लिए उमड़े हुए हों। टीआरपी भी एक नशा ही है मीडिया के लिए, खबरें सूंघनी पड़ती है, कितना दम है इसका अंदाज़ा लगाना पड़ता है। न्यू इंडिया फिट इंडिया का कैंपेन शुरू हुआ है और हमारे मीडिया बंधुओं ने इस वीडियो के जरिये फिटनेस टेस्ट का उदाहरण पेश कर दिया। एक दौर था, जब मीडियाकर्मी कवरेज के दौरान एक-दूसरे की मदद करते थे, अगर दूसरा पीछे रह गया तो पहला अपने साथ-साथ उसकी माइक भी आगे रख देता था। अब ये नया दौर है, जहां दिमाग, जुबान चलाने के साथ-साथ लप्पड़-थप्पड़ भी चल रहे हैं। ये असर है तनाव का, दबाव का, जिसमें अपनी निजी ज़िंदगी भूलकर दिन-रात जूझते हैं मीडियाकर्मी। मजाक अपनी जगह है, लेकिन मेरा अनुमान है कि इस फील्ड के करीब 60 फीसदी लोग अब 60 साल की उम्र तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसलिए आग्रह है कि अपना ख्याल रखें। आपका दिन शुभ हो।

Posted by Paramendra Mohan on Thursday, 24 September 2020

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