सुशांत पर लगातार कवरेज के बाद से ऐसी घटनाये लगातार हो रही हैं. मनोविज्ञान से साबित बात है कि सुसाइड की कवरेज के अवसाद में बड़े लोगों पर बुरा असर पड़ता है. लगातार कवरेज से अपने जिंदगी में लगातार टूट रहे लोग जिंदगी खत्म करने को रास्ते की तरह देखने लगते हैं. सेलिब्रिटी और कामयाब लोगों की जिंदगी से हारने वाली खबरें परेशान लोगों को उकसाने का काम करती हैं. ऐसा नहीं है कि मीडिया के लोग इसे जानते समझते नहीं हैं लेकिन TRP के जंग में हारे-थके घोड़े को मसालेदार खबरों की चाबुक से दौड़ाकर रेस जीतने की लालसा ने टीवी चैनलों को संवेदनहीन बना दिया है, पत्रकार भूल गए हैं कि सोसायटी को अवसाद से निकालना उनका काम है, पत्रकारिता जब जनता की परेशानियों से दामन छुड़ा लेती है तो खुद प्रोपेगंडा के अवसाद में पड़ जाती है उसे खबर और मार्केट प्रोडक्ट का अंतर समझ नहीं आता. कोर्ट से पहले ही कोर्ट बनकर कर रिया और सुशांत की निजी जिंदगी का सुरंग खोदने वाली मीडिया बेखबर है कि सुसाइड की ऐसी लगातार कवरेज से समाज पर क्या असर हो रहा है. मीडिया की लगाई आग अब खुद मीडिया तक पहुंच गई है.
आज एक न्यूज़ चैनल की एंकर प्रिया जुनेजा ने आत्महत्या कर ली हैं. हालाँकि खुदकुशी की वजह अभी तक साफ़ नहीं हो पायी है की उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया. बताया जा रहा है कि नौकरी चले जाने से वे काफी दुखी थीं.
.प्रिया कई चैनलों में काम कर चुकी हैं. प्रिया लुधियाना की रहने वाली थीं. jk24×7, सीएनएन न्यूज, खबर फास्ट जैसे चैनलों में काम किया था. उनके जानने वालों के मुताबिक वो ज्यादातर हंसते-मुस्कुराते हुए ही नजर आती थी. प्रिया ने हाल में गायक कैलाश खेर के साथ एक इंटरव्यू के दौरान लॉकडाउन में परेशानियों के बारे में शेयर किया था.
न्यूज़ चैनलों को एक बार फिर अपने आचार संहिता पर मनन करना चाहिए. TRP की बहार की चाहत में समाज को पतझड़ की तरफ ले जाना, ना मानवता का तकाजा है ना ही पेशेवर शुचिता है, न्यूज़ चैनल्स को केस को फॉलो करना चाहिए ना कि रोज किसी सेलिब्रिटी के जिंदगी के हारने के किस्से को नए कलेवर में परोसने का खेल करना चाहिए, वैसे भी सुसाइड…सुसाइड नहीं होता उसमें समाज के अंदर की बेचैनियों की भी भूमिका होती है. हमें सोचना होगा कि हम इन बेचैनियों को किसी दूसरे को मौत के मुंह में धकेलने में इस्तेमाल ना करें.
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Ayush Kumar Jaiswal,
Founder & Editor
brings over a decade of expertise in ethics to mediajob.in. With a passion for integrity and a commitment to fostering ethical practices, Ayush shapes discourse and thought in the media industry.