DB डिजिटल की नेशनल टीम को आपकी तलाश है

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DB डिजिटल की नेशनल टीम को आपकी तलाश है
इसके लिए आपमें क्या होना चाहिए- बस 6 बातें…

1. न्यूज सेंस, यानी क्या पढ़ा जाएगा:रीडर/कंज्यूमर आपसे चाहता क्या है, इसकी समझ सबसे जरूरी है। यानी न्यूज सेंस। डिजिटल में इसे समझना बेहद सरल है। हर बात का डेटा है, जो बताता है कि रीडर को क्या, कब, कैसा, कहां और कितना चाहिए। बस आप रीडर को कंज्यूमर मानें।    

2. नेशनल खबरों के मुद्दों की समझ: यहां हर वो विषय है, जो रीडर की पसंद या जरूरत है। आपमें उसे पकड़ने का सलीका हो। देश की नब्ज आप समझते हों इसके मुताबिक आप हैपनिंग, पॉलिटिक्स, क्राइम, राज्यों के मुद्दे, महिला, युवा, दलित और अल्पसंख्यक जैसे मुद्दों को डिकोड करके सबसे पहले इंफर्मेशन, फिर नॉलेज और उसके बाद यूटिलिटी बेस्ड टॉकिंग पाइंट दे सकें। 

3. अपनी समझ को कहने का सलीका: अपनी समझ को कहें कैसे कि रीडर को अपना लगे, ये जरूरी है। इतना अपना कि रीडर बार-बार भास्कर एप पर आए। साथ ही अपनों से खबर या खबर की सूचना साझा भी करे। इसके लिए भाषा का अच्छा और सुलझा होना जरूरी है। साथ ही सूचनाओं और जानकारियों को उनकी प्राथमिकताओं के साथ रखने का सलीका जरूरी है। 

4. उस सलीके को डिजिटल में लाने का हुनर: प्रिंट और टीवी की तरह डिजिटल की भी अपनी कॉम्यूनिकेशन एनाटॉमी है। हेडलाइन से लेकर कवर इमेज तक, कॉपी से वीडियो तक, फोटो से ग्राफिक्स और मोशन ग्राफिक्स तक, कई हिस्से हैं, जिनके जरिये कहानी कही जाती है। इसमें इतना हुनरमंद हों कि खबर सोचने से लिखने तक इसका बेहतर इस्तेमाल कर सकें। 

5. बाकी को पढ़ना और खुद को आंकना:जो हमने लिखा या बनाया, वो अच्छा है, पर उस पर बाकी दुनिया भी काम कर रही है। उन्हें पढ़ना, देखना और सुनना होगा। फिर तटस्थ हो एनालाइज करना, ताकि ये समझ पाएं कि हमारी खबर में और क्या गुंजाइश थी। 
6. जो आंका, उसके मुताबिक खुद को बदलते जाना: अपने काम के एनालसिस से जो समझ बन रही हो, उसके मुताबिक अपने काम और समझ में लगातार बदलाव जरूरी है। क्योंकि डिजिटल की दुनिया उतनी ही तेजी से बदल भी रही है। 

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